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लंदन। ब्रिटेन में उत्तरी इंग्लैंड की एक छोटी सी कंपनी ने हींग लगे न फिटकरी... कहावत को चरितार्थ करते हुए एक ऎसी तकनीक विकसित करने का दावा किया है जिससे हवा और बिजली से पेट्रोल पैदा होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक ऎसी तकनीक है जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ पूरे अभियान की रूपरेखा बदल देगी और दुनिया के ऊर्जा संकट का नया समाधान पेश करेगी। इस कंपनी ने "एयर कैप्चर" तकनीक विकसित की है जिसके जरिए कृत्रिम पेट्रोल बनाया जा सकेगा। इस सप्ताह लंदन में एक इंजीनियरिंग सम्मेलन में पेश की गई यह तकनीक वातावरण से कार्बन डाईआक्साइड को हटाकर काम करती है। इस तकनीक में सोडियम हाइड्रोआक्साइड को लेकर उसे कार्बन डाईआक्साइड से मिलाया जाता है और उसके बाद सोडियम कार्बोनेट का विद्युतीकरण किया जाता है जिससे बाद में जाकर शुद्ध कार्बन डाईआक्साइड पैदा होती है। इसके बाद जलकणों के विद्युतीकरण से हाइड्रोजन पैदा की जाती है। यह तकनीक एयर फ्यूल सिंडीकेशन ने विकसित की है। कंपनी के अधिकारियों ने इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए स्टोकेटोन टीस में एक छोटी रिफाइनरी से तीन महीने में पांच लीटर पेट्रोल उत्पादित करने का दावा किया है। अखबार द टेलीग्राफ में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। सर्दियों के दौरान पुरूष चाहते हैं अधिक काम-क्रिया गिरफ्तारी से डरी, पुलिसकर्मी को दिया सेक्स का ऑफर नई खोज, ब्रेन टयूमर के लिए जिम्मेदार जीन का चला पता ये क्या निकला कान से दो सेंटीमीटर लम्बा... कैसे पाएं भरपूर धन! आजमाएं ये तरीके जब मटर बन गया तलाक का कारण नपुंसक होने पर भी 100 के साथ किया सेक्स सेक्स का आनंद कैसे लें! बस एक क्लिक करें... अरे ये क्या! मैकडॉनल्स मे ही करने लगे सेक्स
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