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जकार्ता। दुनियाभर में जहां एक ओर महिला सशक्तिकरण को लेकर बडी-बडी बातें की जाती है, वहीं, दूसरी ओर इंडोनेशिया में 15-16 साल की लडकियों को अपनी शुद्धता का प्रमाण देने के लिए अग्निपरीक्षा की प्लानिंग की जा रही है। यूएन वूमेन इंपावरमेंट के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है वहीं दूसरी ओर मुस्लिम बाहुल्य देश अपने अजीबो गरीब फरमान सुना रहे हैं। प्रभुमुली जिले में लडकियों के हितों के लिए ऎसा निर्णय लिया गया है। फिलहाल, यह पता चल नहीं पाया है कि आखिर ऎसे निर्णय से क्या हित सिद्ध होगा। निर्णय लिया गया है कि विवाह के पहले लडकियों की वर्जीनिटी ब्रेक न हो इसके लिए इंडोनेशिया के एक जिले में शिक्षा अधिकारियों ने अब छात्राओं का वर्जीनिटी टेस्ट करवाने की योजना बनाई है। साथ ही ऎसे नियम लडकों पर लागू नहीं होंगे। इस्लामी संगठन जस्टिस पार्टी का कहना है कि विवाह के पहले लडकियों का कौमार्य भंग होना बेहद शर्मनाक है। इंडोनेशिया में मुस्लिम बहुतायत में हैं। यहां अकसर ऎसी मांग उठती रही है कि लडकियों को अपने विवाह के पहले तक कौमार्य बचाकर रखना चाहिए। इसीलिए मिनी स्कर्ट पहनने और शराब के सेवन पर पूर्ण पाबंदी लगाने का प्रस्ताव भी रखा गया, लेकिन ये प्रस्ताव पारित नहीं हो सके। सोना है लडकी की गोद में तो लाएं ये नायाब तकिया प्यार में पागल लडके ने खेला खूनी खेल रंगरेलियां मनाते पकडा तो माशूका के बाप को मार कुएं में डाला दर्दभरी दास्तान:नहीं सह सकी तो शराबी-रेपिस्ट पिता को गोली ठोक दी पुत्र की चाह में धोखा,तांत्रिक ने लूटी अस्मत इश्कदीवानी बीवी ने कराया अपना ही "अपहरण"
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