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कोलकाता। प्रसिद्ध बांग्ला अभिनेता सौमित्र चटर्जी का चयन फिल्म जगत के सर्वोच्चा सम्मान वर्ष 2012 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए किया गया है। चटर्जी विख्यात फिल्मकार सत्यजित रे की फिल्मों में विभिन्न चरित्रों को जीवंत कर चुके हैं। खबर की पुष्टि करते हुए चटर्जी ने कहा कि इस सम्मान से उन्हें बेहद खुशी हुई है। उन्होंने कहा, ""मैं बेहद खुश हूं। इस शाम तक मैंने इस पुरस्कार के लिए सोचा भी नहीं था। लेकिन खबर मिलने के बाद मैं बेहद खुश हूं।"" देश के अत्यंत प्रतिभावान अभिनेताओं में से एक चटर्जी ने सत्यजित रे की सुपर हिट फिल्म "अपूर संसार" के साथ 1959 में फिल्म जगत में कदम रखा था। इस फिल्म ने उन्हें वह मंच दिया जिसकी उन्हें बेहद जरूरत थी। इसके बाद उन्होंने मु़डकर पीछे नहीं देखा। चटर्जी जल्द ही रे के चहेता बन गए और "सोनार केल्ला", "चारूलता" तथा "घरे बाइरे" सहित कई शास्त्रीय फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई। फिल्मकार रे और अभिनेता चटर्जी की जो़डी की तुलना हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक जो़डी अकीरा कुरोसोवा-तोशिरो मिफ्यूनऔर मार्केलो मास्ट्रोइयान्नी-फेडेरिको फेलिनो से की जानी लगी। चटर्जी ने रे के अलावा मृणाल सेन, तपन सिन्हा और तरूण मजुमदारसहित कई अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त निर्देशकों के साथ भी काम किया। पkभूषण से सम्मानित अभिनेता चटर्जी अपर्णा सेन, गौतम घोष और ऋतुपर्णो घोष जैसे प्रसिद्ध निर्देशकों के साथ भी काम कर चुके हैं। वह रंगमंच से भी जु़डे रहे हैं। चटर्जी को कला के क्षेत्र का फ्रांस का सर्वोच्चा पुरस्कार "द ऑफिसर डेस आट्र्स एट मेटियर्स" तथा इटली से लाइफ टाइम अचीवमेंट पुस्कार भी मिला है।
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