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वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों का मानना है कि संभवत: अंतरिक्ष में भ्रमणरत क्षुद्र ग्रह पृथ्वी पर जीवन लेकर आए होंगे। इन क्षुद्र ग्रहों की ग्रहों के साथ टक्कर के परिणामस्वरूप जीवन की शुरूआत और फिर विकास संभव है। क्षुद्र ग्रह ने पूर्व समय में पृथ्वी से टकराने पर इसमें पानी और अन्य कार्बनिक यौगिकों को भेजा होगा। पंक्चुएटेड इक्वीलिब्रियम सिद्धांत के अनुसार,कभी-कभी होने वाले इन क्षुद्र ग्रहों के प्रभाव से ग्रह के पर्यावरण में कुछ बदलाव के साथ जैविक विकास की दर बढ सकती है। तब प्रजातियां नई रणनीतियों से अनुकूलन करने की कोशिश करती हैं। इस नए शोध के निष्कर्ष रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की पत्रिका में प्रकाशित किए गए थे। नासा ने एक बयान में कहा है कि शोधकर्ताओं के अनुसार क्षुद्र ग्रहों की पट्टी का आकार और स्थिति यह तय कर सकती है कि पृथ्वी जैसे ग्रह पर जटिल जीवन विकसित होगा कि नहींक् पट्टी का आकार सूर्य के प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क के विकास और पास ही मौजूद सबसे बडे ग्रह बृहस्पति के गुरूत्व के प्रभाव से तय होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह सुनने में मजेदार लग सकता है, क्योंकि अभी तक क्षुद्र ग्रहों को उन पर पृथ्वी पर प्रभाव और द्रव्यमान निकासी के कारण बाधा ही माना जाता था जबकि एक नए विचार के अनुसार, इन क्षुद्र ग्रहों की ग्रहों के साथ टक्कर के परिणामस्वरूप जीवन की शुरूआत और फिर विकास संभव है। यह अध्ययन दर्शाता है कि ग्रहीय व्यवस्था का एक छोटा-सा भाग जो क्षुद्र ग्रहों की सही आकार में पट्टी बनाने में सक्षम हो, वह पास के चट्टानी ग्रह पर जीवन की क्षमता दे सकता है।
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