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रिव्यू :भूतनाथ रिटर्न्स में समय,समाज पर कटाक्ष

published: 11-04-2014

फिल्म : भूतनाथ रिटन्र्स निर्माता :भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, रेणु रवि चोपडा निर्देशक : नितेश तिवारी संगीत : पलाश मुच्छल, मीत ब्रदर्स अंजान, रात संपत और हनी सिंह कलाकार : अमिताभ बच्चन, पार्थ भालेराव और बोमन ईरानी बच्चों के फेवरेट भूतनाथ एक बार फिर वापस आ गए है। "भूतनाथ रिटन्र्स" साल 2008 में आई फिल्म "भूतनाथ" का यह सीक्वल है। "आरक्षण" और "सत्याग्रह" जैसी सब्जेक्ट ओरियंटेड फिल्में देने के बाद फिर से महानायक अभिताभ बच्चन विषय आधारित फिल्म लेकर आए है। यह फिल्म मौजूदा राजनैतिक और सामाजिक माहौल का बखूबी चित्रण करती है। "भूतनाथ रिटर्न्स" सही मायने में पॉलिटिकल पंच है। चुनाव के इस माहौल में भूतनाथ का संदेश मतदाताओं को "सच्चे और अच्छे" उम्मीदवारों को चुनने के लिए प्रेरित कर सकता है। आश्चर्य नहीं होगा यदि इस फिल्म के कुछ नारे फिलहाल चल रहे चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने लगें। "भूतनाथ रिटर्न्स" हमारे समय और समाज की विसंगतियों पर रोचक कटाक्ष करती है। भूतनाथ इस बार भी काफी जोश में है और भूतनाथ के साथियों के रूप में बोमन इरानी, पार्थ और सुधीर मिश्रा ने फिल्म को और भई मजेदार बना दिया है। अमिताभ हर बार की तरह ही अपने फुल स्टाइल में नजर आएंगे वहीं अमिताभ के साथी के रूप में उन्हें नन्हें से पार्थ भालेराव ने भी गजब की एक्टिंग की है। कहानी :- पिछली बार भूतनाथ (अमिताभ) लौट कर भूतवर्ल्ड चले गए थे। भूतवलò्ड में भूतनाथ की हंसाई हो गई है, क्योंकि धरती पर वे किसी को डरा नहीं सके थे। उन्हें एक मौका और दिया रहा है कि वे धरती पर भूतों का भय पैदा कर लौटे। इस बार भी एक बच्चा अखरोट (पार्थ) उन्हें पहचान लेता है। दोनों की दोस्ती हो जाती है और वहीं से भूतनाथ की नई यात्रा आरंभ होती है। कहानी में टि्वस्ट तब आता है भूतनाथ देश को सुधारने में जुट जाता है। यहां उसकी मदद करता है अखरोट। अखरोट भूतनाथ को भ्रष्ट नेता जेम्ज पोर्टो (बोमन ईरानी) के खिलाफ चुनाव लडने की सलाह देता है। आखिरकार भूतनाथ जेम्ज के खिलाफ चुनावी अखाडे में उतर जाता है। यहीं शुरू होता है और नेता और भूत के बीच चुनावी मुकाबला। इस ऑनस्क्रीन चुनावी में जीत किसकी होती है यह जानना है तो एक बार बच्चों के साथ सिनेमाघरों की ओर रूख करना चाहिए। बच्चों के साथ इसलिए ताकि चुनावी माहौल के बीच उन्हें भी "राजनीति" समझ आ जावें। एक्टिंग :-भूतनाथ का किरदार अमिताभ ने बखूबी निभाया है। हमेशा की तरह इस बार भी वे महानायक के टैग लेने में कामयाब रहे है। बोमन ईरानी ने एक्टिंग के मामले में कोई कसर नहीं छोडी। वहीं पार्थ ने भी अखरोट के रोल में अपनी छाप छोडी है। पार्थ ने फिल्म में जान डालने का काम किया है। पार्थ की अदाकारी व डॉयलॉग दर्शकों बांधे रखेंगे। अमिताभ के सामने पार्थ का आत्मविश्वास और उसकी परफॉमेंüस कमाल की है।

English Summary: Movie Review Bhoothnath Returns
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