CP1
पुणे- प्रकृति की संरचना को तो कोई भी नहीं समझ पाया है। इसमें हर इंसान और जानबरों की पहचान अलग होती है और स्त्री-पुरूष के रूप भी इस प्रकृति ने अलग ही बनाये हैं। मानव जाति में ही स्त्री-पुरूष की कुछ शारीरिक विशेषताओं के साथ उनकी पहचान भी अलग होती है। महिलाएं प्रकृति की खूबसूरत रचनाओं में एक मानी जाती हैं। उन्ही में से स्त्री को की काया को खूबसूरत रचनाओं में से एक होती है साफ सुथरी और इन्हें सुंदरता का प्रतीक भी माना जाता है। लेकिन ये बात भी सच है कि हर महिला विश्व-सुंदरी नहीं होती पर फिर भी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा आकर्षक माना जाता है। किसी आदमी को आप बढी हुई बेतरतीब दाढी के साथ देखकर आवारा कह सकते हैं, पर महिलाएं अगर बाल खुला भी रखें तो वह भी उनका सौंदर्य है। पर हमेशा ऎसा नहीं होता। अपवाद हर जगह होते हैं। प्रकृति के नियमों में भी कभी-कभी कुछ अपवाद दिख जाते हैं। असल जिंदगी से मेल न खाने के कारण यह किसी अभिशाप से कम नहीं होता। आदमी को बढी हुई दाढी के साथ देखना कोई अजूबा नहीं पर अगर कोई औरत आपको बढी हुई दाढी-मूंछों के साथ दिखाई दे तो जरूर अजीब लगेगा। सामान्यतया साफ-सुथरी काया महिलाओं का वरदान है। उस पर भी चेहरे पर एक अनचाहा बाल भी उन्हें बर्दाश्त नहीं होता। इसके लिए भी वे ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगा लेती हैं ये तो सभी जानते ही हैं कि महिला पार्लर पर कितना पैसा खर्च करती हैं। पर पुणे की एक खबर सामने आयी है कि एक परिवार में तीन सगी बहनों के लिए उनका चेहरा वरदान की जगह अभिशाप बन गया है। इसकी वजह उनकी खूबसूरती नहीं, उनका आदमियों की तरह दाढी-मूंछों से भरा चेहरा है। हालांकि इनके पूरे शरीर पर बडे-बडे बाल हैं पर आदमियों की तरह चेहरे पर उग आए ये बाल इनके लिए अभिशाप से कम नहीं है। पुणे की तीन बहनों को हाइपरट्रिकोसिस यूनिवर्सलिस डिसऑर्डर नाम की एक बीमारी है और चेहरे समेत उनके पूरे शरीर पर बडे-बडे और घने बाल उग आए हैं। यह अवस्था वेयरवुल्फ सिंड्रॉम के नाम से जानी जाती है। इसमें असामान्य बाल पूरे शरीर और चेहरे पर उग आते हैं। यह हाइपरट्रिकोसिस यूनिवर्सलिस डिसऑर्डर कोई सामान्य बीमारी नहीं है और न ही इसका कोई इलाज है। बताया गया है कि यह करोडो में कभी-कभार ही किसी को होती है और केवल बाल हटाने की तकनीक लेजर विधि से ही इन बालों को हटाया जा सकता है। इसके अलावा दवाइयों से इसका कोई इलाज नहीं है। इन बहनों की यह बीमारी अनुवांशिक है। इनके पिता को भी यह बीमारी थी। पर 6 बहनों में इन तीन बहनों को ही यह बीमारी है, अन्य तीन बहनें पूरी तरह सामन्य हैं। हालांकि डॉक्टर इसका एकमात्र इलाज लेजर से बाल हटवाना ही मानते हैं जिसमें एक के लिए कम से कम 3 से 5 लाख का खर्च आ सकता है। पर इतना खर्च यह परिवार उठा नहीं सकता इसलिए सामान्य दवाओं के सहारे कुछ सुधार की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इन लडकियों को अपने इन असामान्य चेहरे के बालों के कारण हर जगह शमिंüदगी उठानी पडती है। इनका परिवार भी इस कारण भविष्य में इनकी शादी को लेकर चिंतित है। पर इनकी मां को उम्मीद है कि दवाओं के इलाज से ही इनकी तीनों बेटियां ठीक हो जाएंगी।
टाइटैनिक: जिस दरवाजे ने बचाई रोज की जान, वो हुआ नीलाम
ऑस्कर पाकर बेहद गौरवांवित महसूस कर रहे हैं हॉलीवुड स्टार सिलियन मर्फी
'ओपेनहाइमर' के लिए पहला ऑस्कर पाने वाले क्रिस्टोफर नोलन ने फैंस को कहा, 'धन्यवाद'
Daily Horoscope