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हस्तरेखा से जानिए कौन से क्षेत्र में मिलेगी सफलता

published: 17-02-2013

    आज जैसे-जैसे वैज्ञानिक विकास हो रहे हैं। वैसे-वैसे समाज में नई-नई सुविधाओं एवं क्षेत्रों का सूत्रपात हो रहा है, तथा कार्यो का वर्गीकरण इस प्रकार हो रहा कि वस्तु का एक हिस्सा कहीं निर्मित हो रहा है तो दूसरा हिस्सा कहीं और तथा सबका सम्मेलन या असेंबल कहीं और! इसी कारण एक ही रोजगार कई-कई शाखाओं में बंट गया है। जैसे जैसे विज्ञान ने तरक्की की है रोजगार की बढती शाखाओं के कारण उसका चयन करना एक कठिन प्रक्रिया होती जा रही है। लोग ज्योतिषियों के द्वारा इसका समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं। और ज्योतिषी मदद भी करते हैं। हस्त रेखा शास्त्र द्वारा भी रोजगार चयन में कुछ सहायता प्राप्त हो जाती है। प्राय: ऎसा देखने में आता है कि अभिभावक अपनी संतान से बहुत ज्यादा अपेक्षा रखते हैं तथा जैसा चलन उस समय चल रहा है वे भी अपनी संतान को वैसे ही चलन की शिक्षा दिलाने को तत्पर हो जाते हैं यह जाने बिना कि उनकी संतान में ऎसीयोग्यता भी है या नहीं। यदि बालक चल निकला तो ठीक अन्यथा दूसरे से उसकी तुलनाकर प्रताडित करना शुरू हो जाता है फलत: कुठां एवं असफलता तथा योग्यता की सही उपयोगिता न होने के कारण असंतोष बढता है। अत: सर्वप्रथम यह जान लेना आवश्यक है कि बालक किस क्षेत्र में सफल हो सकता है। यदि अंगुलियों के पहले पोरे सबल एवं लम्बे हैं तो बालक में सीखने की ललक अच्छी है वह उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सफल हो जायेगा। यदि अगुंलियों के दूसरे पोरे लम्बे सबल है तो बालक प्रेक्ट्रीकल में चल जायेगा अर्थात् उसमें देखकर सीखने की क्षमता है। ऎसेही कोई व्यवसाय उसके लिए उचित रहेंगे। इसके विपरीत यदि तीसरा पोरा ज्यादा सबल है तो बालक को उत्पादन, व्यापार व्यवसाय के क्षेत्र में ले जाना ज्यादा उचित होगा। सर्वप्रथम यह तय कर लेना जरूरी है कि बालक किस ग्रह द्वारा संचालित है अर्थात् बालक के हाथ में कौनसा पर्वत क्षेत्र ज्यादा प्रभावी है उसके स्वामी द्वारा ही उसका जीवन ज्यादा प्रभावित रहता है। सामान्यतया कौनसे ग्रह प्रभावी होने से कौनसा क्षेत्र ज्यादा अच्छा रहेगा उसका संक्षिप्त रूप में हम इस प्रकार जान सकते हैं— 1. बृहस्पति—राजनीति, सेना या सामाजिक संगठनों में उच्चा पद, अध्ययन, अध्यापन, सलाहकार, कर/आर्थिक विभाग, कानून एवं धर्म क्षेत्र। 2. शनि—तंत्र, धर्म, जासूसी, रसायन, भौतिक, गणित, मशीनरी, कृषि, पशुपालन, तेल, डीजल, पेट्रोल, कोयला, खनन इत्यादि कठोर मेहनत वाले कार्य, अनगढ कलाकृतियाँ इत्यादि। 3. सूर्य—कला, साहित्य, प्रशासन संबंधी। 4. बुध—इंडोर गेम्स, जहाँ बोलने की ज्यादा आवश्यकता हो, मार्केटिंग, विज्ञान, व्यापार, वकालत, चिकित्सा क्षेत्र, बैंक आदि। 5. मंगल—साहसी कार्य, अन्वेषण खोज, खिलाडी, पर्वतरोहण, खतरों से भरे कार्य, सैनिक, पुलिस, जंगलता या वन क्षेत्र इत्यादि। 6. चन्द्र—कला, काव्य, जलीय व्यवसाय, तैराक, तरल वस्तुएँ। 7. शुक्र—कला, संगीत, चित्रकारी या गंधर्व कलाएँ, नाटक इत्यादि, महिला विभाग, कम्प्यूटर, हस्तशिल्प, पयर्टन आदि।    सेवाएं—— 1. प्रशासनिक सेवाएँ — निष्कंलक अर्थात् शुद्घ भाग्य रेखा अनामिका की तुलना में लम्बी तर्जनी, कनिष्ठा, अनामिका के पहले पोरे को पार कर जाए, शाखायुक्त मस्तिष्क रेखा, अच्छा मजबूत दोषयुक्तसूर्य क्षेत्र तथा श्रेष्ठ अन्य रेखाएँ जातक को प्रशासन संबंधी कार्यो की ओर ले जाने का संकेत करती है। 2. वकालत — अपने उदय के समय मस्तिष्क रेखा एवं जीवन रेखा थोडा गैप लेकर चले तथा मस्तिष्क रेखा के अंत में कोई फोर्क (द्विशाखा) हो, कनिष्ठा का पहला पोरा लम्बा एवं मजबूत हो तथा अच्छा बुध तीन खडी लाइन युक्त हो तथा मजबूत अंगूठे का दूसरा पोरा सबल हो तो यह न्याय के क्षेत्र में ले जाने का संकेत है। 3. मशीनरी — मजबूत शनि, लम्बी गहरी मस्तिष्क रेखा, लम्बी एवं गांठदार अंगुलियाँ जातक का रूझान मशीनरी क्षेत्र में करती है। 4. कृषि — लम्बी शनि अंगुलीं, सबल एवं लम्बा दूसरा पोरा तथा सख्त हाथ कृषि की तरफ रूझान देता है। 5. अभिनेता — लम्बी एवं शाखायुक्त मस्तिष्क रेखा जिसकी एक शाखा बुध पर जाए, विकसित बुध तथा शुR तथा सूर्य एवं अच्छा चन्द्र एवं लम्बी कनिष्ठा अंगुली एक्टर के लिए उपयुक्त है। 6. गायक — अंगुलियों की तुलना में लम्बी हथेली, कोणाकार अंगुलियाँ, मस्तिष्क एवं जीवन रेखा में प्रारम्भ से ही गैप तथा शाखायुक्त मस्तिष्क रेखा एवं शुR व चन्द्र अच्छे हों। 7. एकाउटेंट — अच्छा बुध, सूर्य एवं अच्छी भाग्य रेखा तथा मजबूत अंगूठा एवं अंगुलियों की सबल व विकसित दूसरी संधिगांठ हो। 8. पाकशास्त्री — लम्बी कनिष्ठा, उठा हुआ शुR तथा तर्जनी का विकसित एवं मोटा तीसरा पोरा होना चाहिए। 9. डाँसर — लचीला अंगूठा, लचीली एवं हथेली की तुलना में लम्बी अंगुलियाँ। 10. इंजीनियर — लम्बा अंगूठा, तर्जनी का लम्बा दूसरा पोरा वर्गाकार हथेली, अच्छी संधि गाँठे अंगुलियों की वर्गाकार नोंक, विकसित शनि एवं लम्बी मध्यमा तथा मस्तिष्क रेखा एवं अच्छा बुध इंजीनियर के लिए उपयुक्त है। 11. वैज्ञानिक — अच्छी एवं सफेद धब्बों युक्त मस्तिष्क रेखा तथा अच्छे बुध पर त्रिकोण का चिह्न इस क्षेत्र में ले जाने के लिए उचित है। 12. चिकित्सक — अच्छे बुध पर तीन-चार खडी लाइने, लम्बी एवं गाँठदार अंगुलियाँ तथा वर्गाकार हथेली तथा अच्छी आभास रेखा चिकित्सा क्षेत्र के लिए उपयुक्त है। 13. सैन्य सेवाएँ — लम्बा एवं सख्त मजबूत अंगूठा, उन्नत शुR एवं मंगल अच्छी सूर्य एवं भाग्य रेखा तथा वर्गाकार या चमसाकार अंगुलियाँ सैन्य सेवा के लिए अच्छी है तथा अ—उक्त के साथ यदि मंगल अति विकसित एवं सख्त है तो थल सेना के लिए उपयुक्त। ब—यदि उक्त के साथ विकसित बृहस्पति एवं मजबूत एवं थोडा सा अन्तराल लिए मस्तिष्क एवं जीवन रेखा का उदय हो तो हवाई सेना। स—यदि उक्त के साथ विकसित चन्द्र एवं हल्कासा चन्द्र की तरफ ढलान लिए मस्तिष्क रेखा हो तो जल सेना के लिए उपयुक्त होगा। 14. कवि कलाकार या पेन्टर चित्रकार — अच्छा शुR एवं चन्द्रमा तथा अंगुलियों के सिरे नुकीले, लचीला हाथ एवं चन्द्र की तरफ झकाव लिए मस्तिष्क रेखा। 15. अध्यापक — स्पष्ट मस्तिष्क, सूर्य एवं भाग्य रेखा तथा उन्नत गुरू। इस प्रकार हस्त रेखा में संभावित कुछ रोजगारो की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया शेष फिर अगले अंकों में चर्चा करने की कोशिश करेंगे।

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