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मैड्रिड। शोधार्थियों ने पहली बार भोजन में पाए जाने वाले एक एल्डीहाइड की खोज की है जिसका सम्बंध तंत्रिका तंत्र की खराबियों और कुछ प्रकार के कैंसरों से स्थापित किया जा सकता है। ये पता लगाया है बेस्क कंट्री विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जिनका कहना है कि सूरजमुखी के तेल या इस जैसे दूसरे खाद्य तेलों को बार-बार पकाने से इसमें जहरीला पदार्थ पैदा होता है जिसका सम्बंध मस्तिष्क सम्बंधी कुछ बीमारियों तथा कुछ प्रकार के कैंसरों से है। शोधार्थियों ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सूरजमुखी व जैतून के तेल और तीसी के तेल को 190 डिग्री सेल्सियस पर कुल 40 घंटे तक गर्म किया और पाया कि तेल में मौजूद फैटी एसिड के विघटन से विषाक्त एल्डीहाइड का उत्सर्जन होता है। कुछ एल्डीहाइड गर्म करने पर उड जाते हैं, लेकिन कुछ अन्य एल्डीहाइड तलने के बाद भी तेल में मौजूद रहते हैं। ये जीवों के हार्मोन, एंजाइम और प्रोटीन के साथ तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं और उनकी क्रियाओं को बाधित कर देते हैं। विज्ञान पत्रिका फूड केमिस्ट्री की एक रिपोर्ट में शोध सह-लेखक मारिया डोलोर्स गिलेन ने कहा,यह पहले से पता है कि भोजन को तले जाने वाले तापमान पर खाद्य तेल से कुछ प्रकार के एल्डीहाइड का उत्सर्जन होता है जो वातावरण को प्रदूषित करता है और जो सांस के साथ हमारे अंदर जा सकता। शोध से साबित हुआ कि पकाने के बाद भी ये तत्व भोजन में पाए जाते हैं। मानव में इन पदार्थो की मौजूदगी का सम्बंध कुछ प्रकार के कैंसर और अल्जाइमर्स तथा पाकिंüसंस जैसे तंत्रिका तंत्र की बीमारियों से है।
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