नई दिल्ली। अभिनेत्री कंगना रनौत खुद को रील और रियल लाइफ की आदर्श व खास श्रेणी की हीरोइन नहीं मानती हैं। वह अपना जीवन अपनी पसंद के मुताबिक जीती हैं, लेकिन मानती हैं कि 21वीं सदी में भी महिलाओं को अपनी आवाज उठाने में मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कंगना से जब पूछा गया कि ऐसी कौन सी चीजे हैं, जो लड़कियां उनके जीवन से सीख सकती हैं, तो उन्होंने मुंबई से टेलीफोन पर आईएएनएस से कहा, ‘‘मैं हमेशा खुद को प्राथमिकता देती हूं। मैं उस सिद्धांत पर नहीं चलती, जिसमें कहा जाता है कि अच्छी लड़कियों को अपने बारे में नहीं सोचना चाहिए और वे सभी बलिदान देने के लिए हैं। मेरा जीवन मेरा है और इसे अपने लिए जीना चाहती हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी क्षमता का उपयोग करना चाहती हूं और खुद को जानना चाहती हूं। यह केवल मेरे भाई, बेटे, पति या मां के लिए नहीं है। मैं उन महानतम नायिकाओं की श्रेणी में शामिल नहीं हूं जो सबसे महान भारतीय महिला हैं और हर किसी को खुद से पहले रखती हैं और सबसे आखिर में खुद के बारे में सोचती हैं।’’
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