हिन्दी सिनेमा से पश्चिमी धुनों का परिचय कराने वाले पहले संगीतकार राहुल देव बर्मन, जिन्हें आर.डी. बर्मन या पंचम दा के नाम से जाना जाता है, अपने आखिरी वक्त में बेरोजगार थे। कितने अफसोस की बात है कि इतने मशहूर और व्यस्त संगीतकार को उस दुनिया ने बिलकुल अकेला छोड दिया था जिसने अपनी धुनों से न सिर्फ सितारों को बल्कि आम दर्शक को भी नचाने पर मजबूर कर दिया था। एक तरफ जहां उन्होंने ‘आ जा आ जा मैं हूं प्यार तेरा. . .’, ‘ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहां...’, ‘जाने जां ढूंढता फिर रहा हूं तुम्हें रात दिन...’ गीत दिए वहीं दूसरी ओर उन्होंने ‘मुसाफिर हूं यारों न घर है ना ठिकाना...’, ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को. . .’ जैसे गीत भी दिए। अपने आखिरी समय में उन्हें निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपडा की फिल्म ‘1942: ए लव स्टोरी’ मिली, जिसके संगीत ने कामयाबी की नई इबारत लिखी, लेकिन अफसोस तब यह शख्स अपनी सफलता को देखने के लिए जिंदा नहीं था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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