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शांताराम का रुझान शुरू से ही फिल्मों की ओर था। वह फिल्मकार बनना
चाहते थे। फिल्मों में करियर बनाने की शुरुआत में उन्होंने गंधर्व नाटक
मंडली में छोट-मोटे काम करने से की। कहा जाता है फिल्म जगत के पितामह वी.
शांताराम गंधर्व नाटक मंडली में पर्दा उठाने का काम किया करते थे।
वर्ष
1929 में उन्होंने प्रभात कपंनी फिल्मस की स्थापना की, प्रभात कंपनी के
बैनर तले वी. शांतराम ने गोपाल कृष्णा, खूनी खंजर, रानी साहिबा और उदयकाल
जैसी फिल्में निर्देशित की। शांताराम ने अपने छह दशक लंबे फिल्मी करियर में
लगभग 50 फिल्मों को निर्देशित किया। दर्शकों के बीच खास पहचान बनाने वाले
महान फिल्मकार वी. शांताराम 30 अक्टूबर 1990 को इस दुनिया से विदा कर गए।
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