‘मोगैम्बो खुश हुआ’, फिल्म ‘मि. इंडिया’ का यह डायलॉग आज भी जब कहीं सुनाई दे जाता है, तो जेहन में स्वर्गीय अमरीश पुरी की तस्वीर बनने लगती है। बॉलीवुड का यह महान खलनायक आज दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी फिल्मों के में निभाए गए उनके खलनायक का किरदार आज भी लोगों को याद है। आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन फिल्मों में उनकी दमदार आवाज और गुस्से से बाहर निकली हुई उनकी डरावनी आंखें खलनायक के किरदार में फिट बैठती थी। शायद यही कारण हैं कि आज तब बॉलीवुड में उनकी टक्कर का खलनायक नहीं आया या ऐसा कहे कि कोई उनकी जगह न ले सका। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बता दें कि आज अगर वे दुनिया में होते तो 82 साल के हो गए होते, लेकिन 22 जून 1932 को लाहौर, पंजाब (पाकिस्तान) में जन्में पुरी साहब 12 जनवरी 2005 को दुनिया को अलविदा कह गए। उनकी मृत्यु मुंबई, महाराष्ट्र में हुई थी। जब उनकी मृत्यु हुई, तो कई समाचार पत्रों ने ‘मोगेम्बो खामोश हुआ’ हैडलाइन बनाई थी और दुनियाभर में उनके करोड़ों प्रशंसकों में एक उदासी छा गई थी।
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