रंगून। इन दिनों युवाओं में टैटू एक तरह से स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है।
युवाओं में अपने शरीर पर तरह-तरह के टैटू बनवाने का चलन का जोरो है। लडका
हो या लडकी हर कोई टैटू बनवाकर फैशन की दौड में शामिल होना चाहते है। लेकिन
म्यांमार में रहने वाली महिलाएं अपने चेहरे पर खतरनाक टैटू बनवाती थी।
बताया जाता है कि यह आदिवासी महिलाएं मर्दों की गंदी नजर से बचाने के लिए
अपने चेहरे पर खतरनाक टैटू बनावाती थी। दरअसल बर्मा के राजा की गुलामी से
बचने के लिए महिलाएं ऐसा किया करती थी। 1960 के बाद यहां महिलाओं को 12 से
14 साल की उम्र में अपने चेहरे पर टैटू बनवाना पडता था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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