बूंदी। आज के बदलते दौर में हर कोई अपने लिए शानदार मकान का सपना देख रहा है लेकिन आज हम आपको ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिस पर शायद आपको विश्वास नहीं होगा। राजस्थान के बूंदी जिले में चार गांव ऐसे हैं जहां किसी भी घर के उपर पक्की छत नहीं है। फिर चाहे वो घर कलेक्टर साहब का हो, जज साहब का या फिर किसी भी बड़े से बड़े अधिकारी का। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजस्थान के बूंदी जिले के साथेली, बथवाड़ा, अंथड़ा और लीलेड़ा व्यवसान गांवों में ऐसी ही एक मान्यता है। यहां के लोगों का मानना है कि लोक देवता भैरुजी के प्रति हमारी गहरी आस्था है। हमें बचपन से ही भगवान भैरुजी के चमत्कारों के बारे में बताया गया है, इसलिए इन चार गांवों का कोई भी निवासी इन मान्यताओं को तोड़ना नहीं चाहता और अपने घर पर पक्की छत नहीं डलवाता।
आपको बता दें कि इन गांवों में रहने वाले लोग अपने घरों की दीवारें तो पक्की बना लेते हैं पर छत पर पटि्टयां नहीं डाली जाती। छत पर पट्टियां डालना या फिर पक्की छत डालना ये लोग एक अभिषाप मानते हैं। इनके अनुसार यदि किसी ने भूलवश अथवा नजरअंदाज करते हुए अपने घर पर पटि्टयां डाल दी तो उसके परिवार के साथ कोई न कोई अनहोनी होनी तय मानी जाती है। ऐसे कुछ मामले गांव में देखने को मिले हैं।
इतना ही नहीं इन गांवों की महिलाएं पांवों में पायजेब या घुंघरु भी पहनती क्योंकि इसे भी यहां अभिशाप ही माना जाता है। यहां की महिलाएं कहती है कि इस अभिषाप या मान्यता के चलते पांवों में घुंघरु या पायल पहनने पर मनाही है।
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