तेजस्विनी के अनुसार उसके मन में तब आया जब वह
साइकिल रिपेयर कराने के लिए दुकान पर गई थी। उसने देखा कि मैकेनिक साधारण
सी एयर गन की मदद से साइकिल के टायरों की गांठें सुलझा रहा था। तो उसने
सोचा कि क्यों ना एयर के इस्तेमाल से साइकिल भी चल सकते है। उसने अपना
विचार पिता नटवर गोच्चायट के साथ साझा किया, जिन्होंने बेटी को प्रेरित
किया और जरूरी सामान दिलवाया। ये भी पढ़ें - चम्बा में है यमराज का अनोखा संसार
हवा से चलने वाली साइकिल बनाने के लिए एक
एयर सिलेंडर चाहिए। इस साइकिल 6 गियर लगे हुए हैं। साइकिल में एक
स्टार्टिंग नॉब है। एक सेफ्टी वॉल्व भी है जो अतिरिक्त एयर रिलीज करती है।
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